आपका आचरण अच्छा होना चाहिए, मनोभाव ठीक होना चाहिए, आपकी इंद्रियाँ आपके वश में होनी चाहिए और आपका मन प्रसन्न रहे इसलिए ईश्वर पर विश्वास आवश्यक है।
#1
मांस मदिरा का त्याग आवश्यक है, आहार भारी नहीं करें, रात का भोजन हल्का लें, खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पियें, हमेशा कम मात्रा (इच्छा से कम) में भोजन लें।
#2
रात को 9 बजे तक अवश्य सो जाएँ और सुबह (ब्राह्ममुहूर्त) 4 बजे उठ जाना चाहिए। रात को सोने से पहले और सुबह उठने से पहले मोबाइल से दूरी अवश्य बनाएँ।
#3
चाय से अपच की समस्या उत्पन्न हो जाती है और कॉफ़ी से अनिद्रा की समस्या उत्पन्न होती है, धूम्रपान से व्यक्ति की श्वसन क्रिया बाधित हो जाती है।
#4
अपने शरीर को लचीलापन दें, अतिरिक्त वजन को कम करें, व्यायाम के द्वारा शरीर को सुडौलता प्रदान करें।
#5
हस्तमैथुन से बचें, शक्तिपुंज को रक्षित करें, अपनी ऊर्जा का विशाल पिंड बनाएँ, आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्मचर्य ऊर्जा के द्वारा ओजस का निर्माण होता है जिससे चेहरे पर तेजस आता है।
#6