भारत; पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है, क्या है "ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया"?

भारत; पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है, क्या है "ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया"?

गुजरात, राजस्थान और दिल्ली जैसे बड़े प्रदेशों में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा ज़मीन ग्रीन लैंड से बाहर हो चुकी है और इनमें रेगिस्तान का दायरा बढ़ता ही जा रहा है।

जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण को देखते हुए केंद्र सरकार; देश में पर्यावरण के संरक्षण और ग्रीन एरिया समेत रेगिस्तान के बढ़ते दायरे को रोकने के लिए 1,400 किलोमीटर लंबी ‘ग्रीन वॉल’ बनाने जा रही है।

हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली राज्यों को शामिल करते हुए अरावली पर्वत श्रृंखला के चारों ओर 1,400 किमी लंबी और 5 किमी चौड़ी पेड़-पोधों से बनी हरित पट्टी बफर का निर्माण किया जाएगा।

भारत की यह सोच अफ्रीका में सेनेगल से जिबूती तक बनाई जाने वाली ग्रीन बेल्ट से प्रेरित है। अफ्रीका ने भी जलवायु परिवर्तन और बढ़ते रेगिस्तान के चलते इस ग्रीन बेल्ट को को तैयार करने का फैसला लिया था।

भारतीय ग्रीन वॉल के द्वारा भारत के मध्य रेगिस्तान के बढ़ते दायरे को रोका जाएगा और अरावली पर्वत शृंखला की बंजर भूमि को बहाल करने में भी सहायता प्राप्त होगी।

इस हरित परियोजना के तहत कार्बन पृथक्करण में सहायता प्राप्त होगी। वन्य जीवन के लिए आवास प्रदान होगा और यह ग्रीन वॉल; पानी की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ावा भी देगी।

भारतीय ग्रीन वॉल के तहत सरकार ने अभी के लिए 21 मिलियन से 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को ग्रीन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके अंतर्गत अरावली पर्वत शृंखला को भी शामिल किया गया है।